बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान - तृतीय प्रश्नपत्र - सामुदायिक विकास एवं प्रसार प्रबन्धन
प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
उत्तर -
सीखना या अधिगम एक व्यापक सतत् एवं जीवनपर्यन्त चलने वाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म लेते ही सीखना प्रारम्भ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखना रहता है। धीरे-धीरे वह वातावरण में अपने आपको समायोजित करने का प्रयत्न करता है। कुछ प्रमुख विद्वानों द्वारा अधिगम की परिभाषाएँ दी गयी हैं जो निम्नलिखित हैं -
बी. एफ. स्किनर - "सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है।"
वुडवर्थ - "सीखना विकास की प्रक्रिया है।"
कालविन - "पहले से निर्मित व्यवहार में अनुभवों द्वारा परितर्वन को अधिगम कहते हैं।"
उपरोक्त परिभाषाएँ यह स्पष्ट करती है कि सीखने के कारण व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन आता है और व्यवहार में यह परिवर्तन वाह्य एवं आंतरिक दोनों ही हो सकता है। अतः सीखना एक प्रक्रिया है जिसमें अनुभव एवं प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार में स्थायी या अस्थायी परिवर्तन दिखायी देने लगता है।
प्रसार अधिगम का महत्व - प्रसार अधिगम को शिक्षा के समान ही मानते हैं परन्तु वास्तविक रूप में यह जीवन में प्राप्त अधिगम अनुभवों का एक भाग होता है। अतः अधिगम के महत्व को निम्न प्रकार से समझ सकते हैं -
(1) अधिगम आवश्यक है (Learning is Necessary) अधिगम पृथ्वी में उपस्थित सभी प्राणियों के लिये आवश्यक है। इसके बिना मनुष्य का जीवन किसी काम का नहीं हैं। कोई भी व्यक्ति जो अपने वातावरण को नहीं समझ सकता वह मृत व्यक्ति के समान है। कल्पना करिए कोई प्राणी जब जन्म लेता है और खुली हवा में सांस लेता है न ही सीखता है तो वह किसी भी समय मृत्यु को प्राप्त हो सकता है।
(2) अधिगम वृद्धि और विकास में सहायक (Assistant LearningGrowth and Development) - परिपक्वता और अधिगम में अंतः क्रिया के परिणामस्वरूप ही हमारे व्यक्तित्व के सभी पक्षों भौतिक, गामक, संज्ञानात्मक, सामाजिक, संवेगात्मक पक्ष आदि का विकास होता है, परन्तु अधिगम एक अर्जित व्यवहार होने के नाते इच्छित दशा और दिशा प्रदान करता है।
(3) अधिगम जीवन की आवश्यकताओं को समझने में सहायक (Assistance in understanding the Requirements of Learning) - अधिगम हमें जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं का बोध कराने में सहायक है। इसके द्वारा हम ऐसे तरीके सीखते हैं जिससे किन्ही भी आवश्यकताओं जैसे प्रसार इत्यादि को सीख सकें और उन पर अधिपत्य स्थापित कर सकें। व्यक्ति को जीवन भर सिखाया नहीं जा सकता है। जैसे-जैसे उसका विकास होता है उसे सीखने की आवश्यकता होती है। अतः अमुक विषय जैसे प्रसार शिक्षा मैकेनिकल, गायन-वादन, चिकित्सा के क्षेत्र में जिस क्षेत्र में जाना चाहता है वह सीख कर अपनी रोजी रोटी का प्रयास करने लगता है।
(4) अधिगम नए वातावरण को अनुकूल करने में सहायक (Learning aids in adopting New environment) - अधिगम हमें जैसे-जैसे वातावरण में परिवर्तन होते हैं, उनके सापेक्ष परिवर्तित होने में सहायता करता है, जैसे हम देखते हैं मरुस्थलों में भी लोगों ने वातावरण के अनुसार अपनी जीवन शैली को परिवर्तित किया न कि केवल उच्च या कम तापमान के अनुसार अपितु नए लोगों, नए स्थान, नई नौकरी तथा नवीन संबंधों के अनुसार भी हमे स्वयं समायोजित करना पड़ता है। इसी प्रकार प्रसार में भी जहाँ जैसी आवश्यकता होती है उसी के आधार पर सीख कर कार्य करना पड़ता है। जैसे कही पर शिक्षा का प्रसार करना है और कहीं पर बालक और वृद्धों को बीमारियों से कैसे बचाया जा सकता है या गर्भवती महिलाओं को कैसा पोषण देना चाहिए आदि।
(5) अधिगम कुशल बनाने में सहायक (Assistant in Making Learning More Efficient) - अधिगम का महत्व कुशल बनाने तथा ऊँचा स्थान प्राप्त कराने में सहायता प्रदान करता है। यदि आप किसी भी व्यक्ति की योग्यताओं का सार पढ़ते हो तो उसके कार्यों के विषय में जानकारी प्राप्त होती है क्योंकि यही सूचना आपको उसके निगमन की स्थिति की जानकारी प्रदान करती है। इसके पीछे यही मान्यता है कि जितना समय आपने कुछ करने के लिए खर्च किया उसने आपके अधिगम को बढ़ावा दिया है।
(6) अधिगम गहन ज्ञान प्रदान करने में सहायक (Assistant in Providing Profound Knowledge) - अधिगम किसी भी विषय जैसे प्रसार, चिकित्सा, कला इत्यादि के बारे में गहन ज्ञान प्रदान कराने में सहायक होता है। जो आप किताबी शिक्षा में नही प्राप्त कर सकते। इतिहास में अधिकतर प्रसिद्ध व्यक्ति शिक्षित नहीं थे परन्तु अपने कार्य व्यापार का पूर्ण ज्ञान था, इसके पीछे प्रमुख कारण उनका अधिगम था। अतः प्रसार में अधिगम की आवश्यकता ज्ञान प्रदान करने में सहायक होती है।
(7) अधिगम योग्यता बढ़ाता (Enhances Learning Ability) - अधिगम प्राप्त करने की आपकी योग्यता तथा इच्छा ही इस बात का निश्चय करती है कि आप अपने जीवन में क्या करोगे तथा आपको कितनी सफलता मिलेगी। आपको अपने प्रतिदिन के कार्यों की पूर्ति के लिए संप्रत्यय लोगों तथा परिस्थितियों के अधिगम का प्रयोग करना पड़ता है।
(8) अधिगम अच्छे व्यक्ति बनाने में सहायक (Learning helps in Making Good Persons) - जब तक हम अनुभव या शिक्षा प्राप्त नहीं कर लेते, अधिगम सम्पूर्ण नहीं हो सकता। इनमें से किसी एक की भी कामी दूसरे के प्रयोग को नकार देती है। हम नागरिक के कर्तव्य तथा अधिकारों का ज्ञान विद्यालय में प्राप्त करते हैं परन्तु अच्छी नैतिकता तथा व्यवहार अनुभव प्राप्त करने के पश्चात किया जाता है। जब तक हमारे पास अच्छी नैतिकता या व्यवहार नहीं होगा तब तक हम अच्छे व्यक्ति के रूप में विकसित नहीं हो सकते हैं।
|
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? प्रसार शिक्षा को परिभाषित कीजिए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइये।
- प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा, शिक्षण पद्धतियों को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्वों का वर्णन करो।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता की भूमिका तथा गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधन क्या हैं? प्रसार शिक्षा में दृश्य-श्रव्य साधन की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीखने और प्रशिक्षण की विधियाँ बताइए। प्रसार शिक्षण सीखने और प्रशिक्षण की कितनी विधियाँ हैं?
- प्रश्न- अधिगम या सीखने की प्रक्रिया में मीडिया की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- अधिगम की परिभाषा देते हुए प्रसार अधिगम का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशिक्षण के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- प्रसार कार्यकर्त्ता के प्रमुख गुण (विशेषताएँ) बताइये।
- प्रश्न- दृश्य-श्रव्य साधनों के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के मूल तत्व बताओं।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा के अर्थ एवं आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- श्रव्य दृश्य साधन क्या होते हैं? इनकी सीमाएँ बताइए।
- प्रश्न- चार्ट और पोस्टर में अन्तर बताइए।
- प्रश्न- शिक्षण अधिगम अथवा सीखने और प्रशिक्षण की प्रक्रिया को समझाइए।
- प्रश्न- सीखने की विधियाँ बताइए।
- प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आपका क्या तात्पर्य है? भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान की विस्तारपूर्वक विवेचना कीजिए। इस अभियान के उद्देश्यों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- उज्जवला योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान घर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- भारत में राष्ट्रीय विस्तारप्रणाली की रूपरेखा को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- स्वयं सहायता समूह पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- स्वच्छ भारत अभियान पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- उज्जवला योजना के उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- नारी शक्ति पुरस्कार पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना क्या है? इसके लाभ बताइए।
- प्रश्न- श्रीनिकेतन कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे? संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- भारत में प्रसार शिक्षा का विस्तार किस प्रकार हुआ? संक्षिप्त में बताइए।
- प्रश्न- महात्मा गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम के लक्ष्य क्या-क्या थे?
- प्रश्न- सेवा (SEWA) के कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- कल्याणकारी कार्यक्रम का अर्थ बताइये। ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के लिए बनाये गए कल्याणकारी कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास एवं प्रसार शिक्षा के अन्तर्सम्बन्ध की चर्चा कीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यकर्त्ता की विशेषताएँ एवं कार्य समझाइये।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम को परिभाषित कीजिए एवं उसके सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समुदाय के प्रकार बताइए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना के अन्तर्गत ग्राम कल्याण हेतु कौन से कार्यक्रम चलाने की व्यवस्था है?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना की विशेषताएँ बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
- प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
- प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
- प्रश्न- प्रसार प्रबन्धन की परिभाषा, प्रकृति, सिद्धान्त, कार्य क्षेत्र और आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- नेतृत्व क्या है? नेतृत्व की परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व के प्रकार बताइए। एक नेता में कौन-कौन से गुण होने चाहिए?
- प्रश्न- प्रबंध के कार्यों को संक्षेप में समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा (Extension education) से आप क्या समझते है, समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा व प्रबंधन का सम्बन्ध बताइये।
- प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- विस्तार प्रबन्धन की विशेषताओं को संक्षिप्त में समझाइए।
- प्रश्न- प्रसार शिक्षा या विस्तार शिक्षा की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा के महत्व को समझाइए।
- प्रश्न- विस्तार शिक्षा तथा विस्तार प्रबंध में क्या अन्तर है?